-थर्ड इयर के सिलेबस में इसी साल होगा बदलाव, कंपलीट सिलेबस चेंज अगले सेशन से
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KANPUR: टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साइंटिस्ट ऐसा फैब्रिक तैयार करने में जुटे हैं जो बॉडी से निकलने वाले पसीने को शर्ट में नही लगने देगा और सीधे बाहर निकला देगा. आईआईटी दिल्ली के टेक्सटाइल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट इस तरह का फैब्रिक डेवलप कर रहे हैं. यह जानकारी आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर रवी शंकर चट्टोपाध्याय ने यूपीटीटीआई में आयोजित सिलेबस रिव्यू वर्कशॉप में दी. यूपी के तीन टेक्सटाइल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में इसी सेशन से थर्ड इयर के कोर्स में टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी को शामिल किया जाएगा. पूरी तरह से सिलेबस में बदलाव अगले सेशन यानि 2016 से होगा.
टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बदलाव
यूपीटीटीआई के डायरेक्टर प्रो. डीबी शाक्यवार ने बताया कि टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी व टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के थर्ड इयर के सिलेबस में कुछ नए टॉपिक बढ़ाए गए हैं. अब इंडस्ट्री जिस तरह की टेक्नोलॉजी चाहेगी हमें उसी के अनुसार सिलेबस में बदलाव करना पड़ेगा. टेक्निकल एजुकेशन की प्रिंसिपल सेकेट्री मोनिका एस गर्ग ने इस पर तेजी के वर्कआउट करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. सिलेबस में जो भी चेंज होगा वह यूपीटीटीआई, निट्रा गाजियाबाद और आईआईसीटीई भदोही में किया जाएगा.
इंडस्ट्री की मांग को समझना होगा
आईआईटी दिल्ली के प्रो. आरएस चट्टोपाध्याय ने बताया कि अब सिलेबस को इंडस्ट्री के मुताबिक अपडेट नहीं करेंगे तो स्टूडेंट्स को जॉब मिलना मुश्किल हो जाएगी. अब कहीं कोई किसी को ट्रेनिंग नहीं देता है. सभी को अपटूडेट वर्कर्स चाहिए होते हैं. इंडियन इंडस्ट्री को डाइंग, प्रिंटिंग और फिनिशिंग में और बेहतर काम करना पड़ेगा. वर्कशाप में डीएमएसआरडीई के डॉ.अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. नीलू काम्बो, प्रो. वीके मल्होत्रा और इंडस्ट्री के एक्सपर्ट मौजूद रहे.
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